25 जनवरी की सुबह सुबह भीलवाडा जिले के कोटडी कस्बे के सोपुरा जाटों के गाँव की दलित महिला लाली बलाई अपने घर पर चूल्हा जलाने की तैयारी कर रही थी कि अचानक गाँव की ही दबंग जाट समाज की महिला मनभर उसके यहाँ आ धमकी,मनभर जाट के हाथ मे बच्चों के मलमूत्र से भरी एक थैली थी ,उसने आते ही गंदगी की यह थैली दलित महिला लाली के घर के दरवाजे पर उंड़ेल दी ओर चिल्लाने लगी कि तू ढेड, बलाईटी, सुगली औरत है ओर डाकन है , तेरी वजह से मेरे पशु बीमार रहते है,तू मेरी भेंस को खा गयी है,.जब दलित महिला लाली ने अपने घर के दरवाजे पर गंदगी डालने का विरोध किया तो मनभर जाट बोली कि तुम दलित तो हो ही गंदे, तुम्हारे पूर्वज हमारी गंदगी साफ करते थे ओर तुम्हारा भी यही काम है ,तुम्हे भी यही करना होगा . लाली बलाई ने मनभर जाट के इस प्रकार के अपमान जनक आरोपों का प्रतिरोध किया तथा उसे ज़बान संभाल कर बात करने की नसीहत दी ,इससे मनभर और भड़क गयी,उसने अपने पिता सुआ लाल,मा प्रेम ओर बहन गमांन को भी बुला लिया ओर दलितों को जमकर गाली गलोज करना प्रारंभ कर दिया .इतना ही नही बल्कि उसने लाली बलाई को इंगित करके सरेआम कहा की तू डाकन है ,तेरी वजह से ही मेरी भेंसे मरती है,हमारी गंदगी तुम्हारे घर मे डालने से ही हमारे पशुओं की बीमारी ठीक होगी .दलित लाली ने जब इस बात का विरोध किया तो उक्त तीनों जाट महिलाओं ने उसकी चोटी पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया ओर उसके कपड़े फाड़ने लगी, इस जाट परिवार का कहना था कि लाली बलाई मे डायन है ,उसे नंगा करके गाँव मे घुमाना पड़ेगा तभी उसके शरीर से डाकन निकलेगी, गाँव के इस जाट परिवार का यह भी कहना था कि लाली जैसी डायन औरतों का इस प्रकार से इलाज करने से ही गाँव के अन्य दलित औकात मे रहेंगे ,नही तो उनको गाँव छुड़वा दिया जाएगा, गौरतलब है कि इसी सोपुरा जाटों के गाँव का रायमल बलाई कुछ माह पहले ही इस गाँव को इसी प्रकार के अत्याचारों से तंग आकर छोड कर गया था, अब ये लोग लाली के परिवार को भी गाँव से भगाना चाहते थे, करीब आधे घंटे तक लाली के साथ अभद्रता, खींचतान, मारपीट चली, किसी भी दलित की हिम्मत नही थी की वो लाली को इन आततायी औरतो के चंगुल से छुड़वा सके, जो भी लाली को बचाने आता ,उसी को जान के लाले पड जाते ,सो कोई भी नही आया बीच बचाव करने, अंतत: जब सोपुरा जाटों के इन कतिपय अत्याचारियो ने अपनी मनमानी पूरी कर ली तब वो लाली को यह धमकी दे कर छोड़ गये कि यदि तुमने हमारी कहीं भी शिकायत की तो हम तुझे ओर तेरे परिवार को जिन्दा जला देंगे, इतना कह कर वो चले गये और लाली पर पूरी नज़र रखते रहे कि कहीं वोर् कायवाही करवाने तो नही जा रही है, घटना के 5 दिन बाद किसी तरह चोरी छुपे लाली बलाई रात को साढ़े 8 बजे कोटडी थाने पंहुची ओर मामले की लिखित जानकारी पुलीस को दी .दलित महिला लाली ने पुलीस से प्रार्थना की कि मै ,मेरा पति ओर मेरा बच्चा बहुत डरे हुए है, हमें सुरक्षा दी जाए,हमारी जान ख़तरे मे है ,गाँव के दबंग लोग या तो हमें गाँव से भगा देंगे या जान से मार डालेंगे .पर पुलीस ओर प्रशासन की संवेदनशीलता देखिए कि घटना के 15दिन बीत जाने के बाद भी आज तक पुलीस ने ना तो रिर्पोट दर्ज की और ना ही लाली बलाई के परिवार को कोई सुरक्षा दी गयी है, पुलीस दलित पीडिता की रिपोर्ट के आधार पर सिर्फ इतना कर रही है कि लाली बलाई ओर मनभर जाट के परिवार को आमने सामने बिठा कर समझौता करवाने मे लगी हुई है, निरीह दलितों की कोई नही सुनता है,ना तो कोटडी थाना सुनता है ओर ना ही सकल हिंदू समाज,सोपुरा के दलितो की आवाज़ ना तो प्रदेश भाजपा मुख्यालय पंहुचती है ओर ना ही नागपुर के संघ कार्यालय तक ,जिला मुख्यालय तक भी पंहुच जाए तो गनीमत ही है ,बलाई समाज के ठेकेदार भी आजकल मौन है,राजस्थान की राज्यपाल महिला है ओर मुख्यमंत्री भी, लेकिन कोटडी की दलित महिला लाली बलाई की कोई सुनवाई करने को तैयार नही है,ऐसे हालात में सूबे की वजीरे आला से यह सवाल पूंछने का मन करता है कि वसुंधरा जी, राजस्थान मे आपका राज है या पोपा बाई का ?
-भंवर मेघवंशी
( लेखक स्वतंत्र पत्रकार है)
-भंवर मेघवंशी
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