Sunday, April 28, 2013

संविधान को पढ़े और समझे – अरूणा रॅाय


भीलवाड़ा - आज अम्बेडकर जयंती पर एक अनूठे कार्यक्रम में अम्बेडकर के अधूरे सपनों पर विभिन्न दलों के लोगों ने मिलकर विचार रखा। सामाजिक क्षेत्र के अलावा वामपंथी नेता, डी.राजा, कांग्रेस के स्थानीय विधायक रामलाल जाट तथा भाजपा सांसद अर्जुनराम मेघवाल इन तीनों ने मिलकर इस बात को दोहराया कि अम्बेडकर ने हमको महत्वपूर्ण संविधान तो दिया है लेकिन उस संविधान को देते समय ये चेतावनी भी दी कि वोट से हमें केवल राजनीतिक बराबरी मिली है, सामाजिक और आर्थिक बराबरी की लड़ाई अभी भी बाकी है। इस बराबरी को प्राप्त करने का संघर्ष बेहद जरूरी है। इसके साथ-साथ सभी वक्ताओं ने शिक्षा पर जोर दिया।
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समारोह को सम्बोधित करते कामरेड डी. राजा
भाकपा सांसद कामरेड डी. राजा ने कहा कि मैं बचपन से अम्बेडकर के विचारों से सीखते रहा हूं, मैं एक दलित खेतीहर मजदूर पैदा हुआ, शिक्षा की वजह से ही मेरा परिवार आगे बढ़ पाया और वह हिम्मत हमें अम्बेडकर के विचारों से प्राप्त हुई।
उन्होंने कहा कि वो भीलवाड़ा में आकर कबीर-फुले-अम्बेडकर चेतना यात्रा से बहुत खुश हुये, क्योंकि इस याख ने आर्थिक एवं सामाजिक गैर बराबरी के संघर्षों को एकजुट किया है। यात्रा के लाल झण्डे जिन पर ‘जय भीम’ लिखा हुआ है, उस पर टिप्पणी करते हुये उन्होंने कहा कि मैंने यह अपनी जिन्दगी में पहली बार देखा है और मैं इससे अभिभूत हूं। उन्होंने माना कि अम्बेडकर ने बुद्ध और कार्लमाक्र्स के विचारों को एक किया है और आज इस झण्डे को देखकर मेरे लिये अम्बेडकर जयंती में भीलवाड़ा आना बहुत सार्थक रहा। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक फांसीवाद और भूमण्डलीकृत पूंजीवाद के दो बड़े खतरे देश के सामने है, जिससे संघर्ष के लिये अम्बेडकर का रास्ता ही पकड़ना पड़ेगा।
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समारोह में उमड़ा जन सैलाब
भाजपा सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने कबीर-फुले-अम्बेडकर के विचारों को आज के लिये अत्यंत प्रासंगिक बताते हुये कहा कि इन महापुरूषों की विचारधारा मानवतावादी विचारधारा थी जिसने सबका भला किया, उन्होंने दलित आदिवासी समुदाय के लिये शिक्षा की महत्ता पर जोर देते हुये कहा कि हमें किसी भी परिस्थिति में शिक्षा, संगठन और संघर्ष से विमुख नहीं होना चाहिये।
उन्होंने बाबा साहेब अम्बेडकर की यह बात दोहराई कि समाज में अभी भी आर्थिक एवं सामाजिक गैर बराबरी का विरोधाभाषी वातावरण व्याप्त है। उन्होंने कहा कि डॅा. अम्बेडकर ने अपनी पूरी जिन्दगी में कभी भी मजदूरों के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं लड़ा।
माण्डल विधायक रामलाल जाट ने जनसंघर्षों के जरिये बने सूचना के अधिकार तथा रोजगार गारण्टी जैसे कानून बने है लेकिन जब तक दलित पिछड़े समाज में शिक्षा नहीं आयेगी तब तक वह लोक हितकारी कानूनों का कोई फायदा नहीं होगा।
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रैली को रवाना करते महंत शिवानन्द स्वामी और समाजसेवी अशोक कोठारी
आजाद चौक में डॅा. अम्बेडकर जयंती समारोह समिति भीलवाड़ा, स्कूल फोर डेमोक्रेसी तथा मजदूर किसान शक्ति संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अम्बेडकर जयंती समारोह में जिले भर की सभी तहसीलों से आये हजारों लोगों की मौजूदगी में सभी वक्ताओं ने शिक्षा, संगठन तथा संघर्ष के अम्बेडकर के तीन मंत्रों को जीवन में उतारने का आह्वान किया।
 सभा से पूर्व सुखाडि़या सर्कल से एक विशाल रैली निकाली गई, जिसे शिवानन्द जी महाराज तथा समाजसेवी उद्यमी अशोक कोठारी ने रैली को हरी झण्डी दिखाई।
3उन्होंने यात्रा के संयोजक परशराम बंजारा और सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी को झण्डी देकर रैली को रवाना किया। रैली सुखाडि़या सर्किल से अजमेर चौराहा होते हुए अम्बेडकर सर्किल पर पहुंची जहां पर भाजपा सांसद अर्जुनराम मेघवाल, अरूणा रॅाय, एनी राजा, डी. राजा, निखिल डे, भंवर मेघवंशी ने माल्यार्पण किया।
सभा को सम्बोधित करते हुये मजदूर किसान शक्ति संगठन की सदस्य अरूणा रॅाय ने उपस्थित लोगों से पूछा कि कितने लोगों ने संविधान को पढ़ा है और कितनों ने देखा है? उन्होंने इस इलाके के नवयुवकों का आव्हान् किया कि वे संविधान को पढ़े और सम वही हमारे सामाजिक बदलाव का उपकरण है। श्रीमती रॅाय ने गैर बराबरी, अन्याय और असमानता कि किसी भी व्यवस्था की खिलाफत का संकल्प दोहराया। अरूणा रॅाय ने राजस्थानी भाषा में बोलते हुये कहा कि दुनिया की किसी भी भाषा से नफरत नहीं करनी चाहिए, हमें अंग्रेजी भी सीखनी चाहिए।
सभा को सम्बोधित करते हुए युवा चिन्तक निखिल डे ने कहा कि भीलवाड़ा के दलित आन्दोलन ने देश की नही बल्कि पूरे विश्व को ‘सुनवाई, कार्यवाही, सुरक्षा ता भागीदारी जैसे शब्द दिये है।
salim baba
संगठित होकर गरीबों की मदद करने की बात कहते सलीम बाबा साहेब
नेशनल फैडरेशन फोर इण्डियन वुमेन की राष्टीय सचिव एनी राजा ने भीलवाड़ा से शुरू हुये इस कारवां को एक नये प्रकार के प्रगतिशील अम्बेडकरवाद की शुरूआत बताया, एनी राजा ने दलित आन्दोलन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।
सभा को समाजसेवी अशोक कोठारी, यूआईटी चैयरमेन रामपाल शर्मा, सैलानी आश्रम करेड़ा सज्जादानशीन बाबा सलीम सैलानी कप्युनिष्ट नेता ताराचंद सिद्धू, जयंती समारोह समिति के संयोजक राजमल खींची, यात्रा संयोजक परशराम बंजारा, डगर के संभाग संयोजक देबी लाल मेघवंशी, जिला संयोजक महादेव रेगर, कबीर क्रांति मंच के जिलाध्यक्ष प्रहलादराय मेघवंशी इत्यादि ने सम्बोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुये सामाजिक कार्यकर्ता भंवर मेघवंशी ने दलित अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया तथा कहा कि कबीर-फुले और अम्बेडकर की वैचारिक यात्रा सदैव जारी रहेगी, मेघवंशी ने स्पष्ट किया कि उनका कोई राजनीतिक एजेण्डा नहीं है, न वे किसी पार्टी में शामिल हो रहे है और न ही चुनाव लड़ रहे है।

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